Top Blogs
Powered By Invesp

Sunday, January 30, 2011

भ्रष्टाचार के विरुद्ध जनता का शंखनाद

नमस्कार मित्रों मिस्र मैं हिंसा जारी है भ्रष्टाचार के विरुद्ध जनता का शंखनाद है ! सेना  मिस्र में बहुत प्रयास कर रही है परन्तु जनता जब अपने पर आती है तो कोई शासक कोई राजा जनता को काबू नहीं कर सकता ! लगभग  दो सौ लोग अब तक की हिंसा में मारे जा चुके हैं जेलों से एक लाख पचास हज़ार कैदी फरार हो चुके हैं ! पचासी साल से ऊपर के हुस्नी मुबारक को समझ नहीं आ रहा की अब क्या करें ! अभी टुनिशिया के सताधारी अपनी सत्ता के जाने का गम पूरा भी नहीं कर पाए थे की मिस्र की जनता ने अपना रौद्र रूप दिखा दिया ! खैर ये बात तो हुई मिस्र की पर भारतीय शासकों को अभी तक ये समझ हे नहीं आ रहा की जो हाल अन्य देशों में हुआ है वो भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पर जाकर किसी भी देश में हो सकता है ! जिस देश का प्रधान मंत्री खुले मंच से ये बोले की वो कोई ज्योतिषी नहीं है जो बता सके की जनता को महंगाई से कब निजात मिलेगी तो उस देश को कौन चलाने वाला है ये समझ से बाहर है! जहां राज्य की मुख्यमंत्री से जब सवाल किया जाता है की ये महंगाई क्यूँ है तो उसका जवाब होता है की कहाँ है महंगाई ?
       कृषि मंत्री शरद पवार का मेहेंगाई के मुद्दे पर ये बयान देना की  सब्जियों से मंत्री का कोई लेना देना नहीं है साबित करता है की सिर्फ सत्ता में बने रहने के लिए ये नेता कुछ भी कर सकते है और जनता के दर्द से इनका कोई लेना देना नहीं है ! कभी आप लोगो ने गौर किया है की जिनको आपने सत्ता का नशा कराया वो आज आपके लिए क्या सोच रहे हैं ! हज़ारों करोड़ रूपये का घोटाला हो जाता है और आपके ये सत्ता में  बैठेलोग एक दुसरे को बचाने के सिवा कोई काम नहीं करते ! आज जो भारत की विदेशी माँ बनी बैठी है जिसके चरण कांग्रेस के अस्सी साल से ऊपर के नेता अपने आंसुओं के जल से धोते हैं क्या उसको भारत के उन लोगो के हाल के बारे में जरा भी चिंता है जो आज भारत के गाँव में गरीबी रेखा नहीं बल्कि गरीबो से जो और निचे की रेखा होती है उसमे अपनी नरक जैसी जिंदगी बिताने को मजबूर हैं ! गरीबी हटाने या गरीबो का भला करने के नाम पर शुरू हुई योजनाओ की क्या असलियत है ये सब जानते हैं !  
    आज अगर आपको काश्मीर में तिरंगा फेह्राना है तो आपको इजाजत चाहिए उन मुठी भर लोगों से जिन्होंने वहाँ अराजकता फैला रखी है! ठीक है  देश की एक बड़ी विपक्षी पार्टी ने इस पर सियासत की पर जो सत्ता में बैठे हैं वो एक बार शेर की तरह दहाड़ मार कर कहते की तिरंगा वहीँ  फेहराया जाएगा तो शायद भारतीय जनता पार्टी अपनी राजनीति न कर पाती पर शायद देश के गद्दारों के चरण चूमना ही   आज की सत्तासीन सरकार की मजबूरी है ! और  उस पर तिरंगा फहराने को लेकर कांग्रेस ने ये बयान तक दिए की इस से माहौल खराब होगा ! यानी अगर भारत का झंडा अगर भारत में फहराने से माहौल खराब होता है तो कल शायद वो अलगाव वादी ये भी बोल सकते हैं की अगर आपने लाल  किले  पर झंडा फहराया तो हम नाराज हो सकते है तो क्या ये सरकार वहाँ भी झंडा फहराना बंद कर देगी ! महाभारत में सिर्फ एक शिखंडी था पर भारत में आज  शायद शिखंडियों की फ़ौज भरी पढ़ी है ! एक सोहराबुद्दीन के मारे जाने पर ऐसा विलाप किया जाता है मानो राष्ट्रपिता की दुबारा हत्या कर दी गयी हो पर लगातार मारे गए कश्मीरी पंडितों का शायद इस देश से कोई लेना देना नहीं है !
   इस देश के कथित राजकुंवर चुनावों से ठीक पहले दलितों के घर खाना खाकर या रात गुजार कर नौटंकी तो कर सकते हैं पर वहाँ से जाने के बाद किसी दलित की खबर कभी उन्होंने ली ऐसा मैंने आज तक नहीं सुना ! अंग्रेजी भाषा में बोलकर भ्रष्टाचार की बखिया इन्हें उधेड़ना तो सीख लिया पर ये भूल गए की सत्ता में ये खुद बैठे है ! सत्ताधीश के इस कुंवर का बयान कितना हास्यपद है  की किसी नकारा या भ्रष्टाचारी मंत्री को झेलना गठबंधन राजनीति की मजबूरी है ! यानी जनता चाहे मरे या जिए इन्हें किसी तरह बस सत्ता में बने रहना है ! अगर भारत के भविष्य की इतनी चिंता है तो क्यों नहीं इन भ्रष्टाचारियों को साथ छोड़ के जनता के बीच जाते !
    ये भारत है और हम भारत की जनता हैं जो किसी भी हाल में बस सहन करना जानते हैं ! ज्यादा होगा तो वातानुकूलित कमरों में बैठ के विदेशी भाषा में राजनीति को थोडा बुरा भला कहेंगे और फिर बैठ जायेंगे किसी नए घोटाले या नए अत्याचार की इन्तजार में की कब हमें मौका मिलेगा दोबारा टीवी पर आकर अपनी शक्ल दिखा कर वही बेवकूफी भरी बातें दोहराने का ! खैर अंत में कहना चाहूँगा की आज विश्व में जो हो रहा है हमें उसे सबक लेना चाहिए नहीं तो कल क्या होगा ये कोई नहीं जानता! 

Saturday, January 15, 2011

शाबर-मन्त्र-अनुभूत-प्रयोग


१॰ हनुमान रक्षा-शाबर मन्त्र
“ॐ गर्जन्तां घोरन्तां, इतनी छिन कहाँ लगाई ? साँझ क वेला, लौंग-सुपारी-पान-फूल-इलायची-धूप-दीप-रोट॒लँगोट-फल-फलाहार मो पै माँगै। अञ्जनी-पुत्र प्रताप-रक्षा-कारण वेगि चलो। लोहे की गदा कील, चं चं गटका चक कील, बावन भैरो कील, मरी कील, मसान कील, प्रेत-ब्रह्म-राक्षस कील, दानव कील, नाग कील, साढ़ बारह ताप कील, तिजारी कील, छल कील, छिद कील, डाकनी कील, साकनी कील, दुष्ट कील, मुष्ट कील, तन कील, काल-भैरो कील, मन्त्र  कील, कामरु देश के दोनों दरवाजा कील, बावन वीर कील, चौंसठ जोगिनी कील, मारते क हाथ कील, देखते क नयन कील, बोलते क जिह्वा कील, स्वर्ग कील, पाताल कील, पृथ्वी कील, तारा कील, कील बे कील, नहीं तो अञ्जनी माई की दोहाई फिरती रहे। जो करै वज्र की घात, उलटे वज्र उसी पै परै। छात फार के मरै। ॐ खं-खं-खं जं-जं-जं वं-वं-वं रं-रं-रं लं-लं-लं टं-टं-टं मं-मं-मं। महा रुद्राय नमः। अञ्जनी-पुत्राय नमः। हनुमताय नमः। वायु-पुत्राय नमः। राम-दूताय नमः।”

विधिः- अत्यन्त लाभ-दायक अनुभूत मन्त्र है। १००० पाठ करने से सिद्ध होता है। अधिक कष्ट हो, तो हनुमानजी का फोटो टाँगकर, ध्यान लगाकर लाल फूल और गुग्गूल की आहुति दें। लाल लँगोट, फल, मिठाई, ५ लौंग, ५ इलायची, १ सुपारी चढ़ा कर पाठ करें।
२॰ गोरख शाबर गायत्री मन्त्र
“ॐ गुरुजी, सत नमः आदेश। गुरुजी को आदेश। ॐकारे शिव-रुपी, मध्याह्ने हंस-रुपी, सन्ध्यायां साधु-रुपी। हंस, परमहंस दो अक्षर। गुरु तो गोरक्ष, काया तो गायत्री। ॐ ब्रह्म, सोऽहं शक्ति, शून्य माता, अवगत पिता, विहंगम जात, अभय पन्थ, सूक्ष्म-वेद, असंख्य शाखा, अनन्त प्रवर, निरञ्जन गोत्र, त्रिकुटी क्षेत्र, जुगति जोग, जल-स्वरुप रुद्र-वर्ण। सर्व-देव ध्यायते। आए श्री शम्भु-जति गुरु गोरखनाथ। ॐ सोऽहं तत्पुरुषाय विद्महे शिव गोरक्षाय धीमहि तन्नो गोरक्षः प्रचोदयात्। ॐ इतना गोरख-गायत्री-जाप सम्पूर्ण भया। गंगा गोदावरी त्र्यम्बक-क्षेत्र कोलाञ्चल अनुपान शिला पर सिद्धासन बैठ। नव-नाथ, चौरासी सिद्ध, अनन्त-कोटि-सिद्ध-मध्ये श्री शम्भु-जति गुरु गोरखनाथजी कथ पढ़, जप के सुनाया। सिद्धो गुरुवरो, आदेश-आदेश।।”

साधन-विधि एवं प्रयोगः-
प्रतिदिन गोरखनाथ जी की प्रतिमा का पंचोपचार से पूजनकर २१, २७, ५१ या १०८ जप करें। नित्य जप से भगवान् गोरखनाथ की कृपा मिलती है, जिससे साधक और उसका परिवार सदा सुखी रहता है। बाधाएँ स्वतः दूर हो जाती है। सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है और अन्त में परम पद प्राप्त होता है।

३॰ दुर्गा शाबर मन्त्र
“ॐ ह्रीं श्रीं चामुण्डा सिंह-वाहिनी। बीस-हस्ती भगवती, रत्न-मण्डित सोनन की माल। उत्तर-पथ में आप बैठी, हाथ सिद्ध वाचा ऋद्धि-सिद्धि। धन-धान्य देहि देहि, कुरु कुरु स्वाहा।”

विधिः- उक्त मन्त्र का सवा लाख जप कर सिद्ध कर लें। फिर आवश्यकतानुसार श्रद्धा से एक माला जप करने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं। लक्ष्मी प्राप्त होती है, नौकरी में उन्नति और व्यवसाय में वृद्धि होती है।
४॰ लक्ष्मी शाबर मन्त्र
“विष्णु-प्रिया लक्ष्मी, शिव-प्रिया सती से प्रकट हुई। कामाक्षा भगवती आदि-शक्ति, युगल मूर्ति अपार, दोनों की प्रीति अमर, जाने संसार। दुहाई कामाक्षा की। आय बढ़ा व्यय घटा। दया कर माई। ॐ नमः विष्णु-प्रियाय। ॐ नमः शिव-प्रियाय। ॐ नमः कामाक्षाय। ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा।”

विधिः- धूप-दीप-नैवेद्य से पूजा कर सवा लक्ष जप करें। लक्ष्मी आगमन एवं चमत्कार प्रत्यक्ष दिखाई देगा। रुके कार्य होंगे। लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।