हिंदू
परम्परा में कोई भी शुभ कार्य भगवान श्रीगणेश की पूजा के बिना नहीं किया
जाता। भगवान श्रीगणेश को विघ्न यानी बाधाओं का नाश करने वाला माना जाता है।
गणेश के कई रूप प्रसिद्ध हैं और लगभग हर रूप में उनका अलग महत्व है। कई
तंत्र प्रयोगों में भी भगवान गणेश के विभिन्न स्वरूपों का प्रयोग किया जाता
है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार जब भगवान गणेश कमल के फूल पर बैठे हों तो वे घर की सारी नकारात्मक शक्तियों को निष्क्रिय कर देते हैं। कमल पर बैठे गणेश के इस रूप को विघ्नहर्ता यानी बाधाओं को समाप्त करने वाला कहा जाता है। श्रीगणेश का यह स्वरूप सकारात्मक उर्जा उत्पन्न करने में सक्षम माना जाता है।
गणेश के इस स्वरूप को यदि घर में स्थापित किया जाए तो घर के अनेक वास्तुदोष स्वयं भी समाप्त हो जाते हैं। गजानन के इस रूप की स्थापना से हर काम शीघ्र पूर्ण होने के साथ ही जीवन में आने वाली मुसीबतों में कमी आने लगती है। कमल पर बैठे श्रीगणेश की पूजा करते समय इस मंत्र का जप करें तो शीघ्र ही शुभ फल मिलता है-
ऊँ गं गणपतयै नम:
धर्म ग्रंथों के अनुसार जब भगवान गणेश कमल के फूल पर बैठे हों तो वे घर की सारी नकारात्मक शक्तियों को निष्क्रिय कर देते हैं। कमल पर बैठे गणेश के इस रूप को विघ्नहर्ता यानी बाधाओं को समाप्त करने वाला कहा जाता है। श्रीगणेश का यह स्वरूप सकारात्मक उर्जा उत्पन्न करने में सक्षम माना जाता है।
गणेश के इस स्वरूप को यदि घर में स्थापित किया जाए तो घर के अनेक वास्तुदोष स्वयं भी समाप्त हो जाते हैं। गजानन के इस रूप की स्थापना से हर काम शीघ्र पूर्ण होने के साथ ही जीवन में आने वाली मुसीबतों में कमी आने लगती है। कमल पर बैठे श्रीगणेश की पूजा करते समय इस मंत्र का जप करें तो शीघ्र ही शुभ फल मिलता है-
ऊँ गं गणपतयै नम: