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Thursday, September 27, 2012

श्रीगणेश का यह रूप दूर करता है वास्तु दोष

हिंदू परम्परा में कोई भी शुभ कार्य भगवान श्रीगणेश की पूजा के बिना नहीं किया जाता। भगवान श्रीगणेश को विघ्न यानी बाधाओं का नाश करने वाला माना जाता है। गणेश के कई रूप प्रसिद्ध हैं और लगभग हर रूप में उनका अलग महत्व है। कई तंत्र प्रयोगों में भी भगवान गणेश के विभिन्न स्वरूपों का प्रयोग किया जाता है।

धर्म ग्रंथों के अनुसार जब भगवान गणेश कमल के फूल पर बैठे हों तो वे घर की सारी नकारात्मक शक्तियों को निष्क्रिय कर देते हैं। कमल पर बैठे गणेश के इस रूप को विघ्नहर्ता यानी बाधाओं को समाप्त करने वाला कहा जाता है। श्रीगणेश का यह स्वरूप सकारात्मक उर्जा उत्पन्न करने में सक्षम माना जाता है।       

गणेश के इस स्वरूप को यदि घर में स्थापित किया जाए तो घर के अनेक वास्तुदोष स्वयं भी समाप्त हो जाते हैं। गजानन के इस रूप की स्थापना से हर काम शीघ्र पूर्ण होने के साथ ही जीवन में आने वाली मुसीबतों में कमी आने लगती है। कमल पर बैठे श्रीगणेश की पूजा करते समय इस मंत्र का जप करें तो शीघ्र ही शुभ फल मिलता है-

ऊँ गं गणपतयै नम:

लक्ष्य प्राप्त करने के लिए

हर व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई लक्ष्य अवश्य होता है। लक्ष्य प्राप्त करने के लिए मेहनत भी करनी पड़ती है और बाधाएं भी आती हैं। ऐसे में कुछ लोग बाधाओं से घबराकर लक्ष्य प्राप्त किए बिना ही पीछे हट जाते हैं जबकि कुछ लोग हिम्मत से सभी बाधाओं को दूर करते हुए अपना लक्ष्य प्राप्त करते हैं। यदि आपके लक्ष्य की प्राप्ति में कोई बाधा आ रही है तो नीचे लिखे मंत्र का जप करें। इस मंत्र के जप से सभी प्रकार की बाधाएं शांत हो जाती हैं।

मंत्र

ऊँ नम: शान्ते प्रशान्ते ऊँ ह्रीं ह्रां सर्व क्रोध प्रशमनी स्वाहा।।




जप विधि

प्रतिदिन सुबह मुंह धोते समय इक्कीस बार इस मंत्र का पाठ करें और शाम को शक्कर मिलाकर पीपल की जड़ में पानी डालने से सभी बाधाओं का नाश हो जाएगा।