Monday, November 18, 2013
Friday, September 6, 2013
अनुसंधान के अनुसार
जय श्री राहू .......मित्रों जैसा की अनुसंधान के अनुसार पहले कहा गया था की श्री राहू सत्रह सितम्बर को अपनी पूर्व अवस्था में पुनः वापसी करेंगे सो श्री राहु वापसी पर ही हैं . परन्तु राहु जिस वेग से आये थे उसके दुगने वेग से वापसी करेंगे और जाते हुए राहु पूर्ण शक्ति सशक्ति से अपना रौद्र रूप दिखाने को आतुर होंगे जिसका परिणाम शेयर बाज़ार से लेकर सम्पूर्ण विश्व पर होने की संभावना है ! जाते राहु जैसा की सब देख रहे हैं युद्ध की आहट दे ही चुके हैं इसके अलावा बड़ी आतंकी घटना और प्राकर्तिक आपदा तथा दुर्घटनाओ के योग प्रबल हैं ! कुल मिलाकर ये समय यानी आज से सत्रह सितम्बर तथा उसके बाद राहु प्रस्थान में लगने वाला काल्पनिक समय दस दिन यानी सत्ताईस सितम्बर तक सावधान रहने की आवश्यकता है ! श्री राहु का प्रकोप से बचने के लिए सिर्फ राहु मन्त्र के जाप की सलाह दी जाती है !
श्री राहू कृपा करें ...............
श्री राहू कृपा करें ...............
Sunday, June 30, 2013
अनुसंधान के अनुसार
जय श्री राहू ........अनुसंधान के अनुसार श्री राहु जी कहते हैं की :--
चेतावनी नहीं अब रण होगा
संघर्ष महा भीषण होगा !
कैसे राहु पलट सके है कितनो की तकदीर
समय दिखाए कैसे कैसे राजा बने फकीर !
जो भी देखा अभी तलक वो तो केवल झांकी है
देखो लीला कटे शीश की अभी बहुत सी बाकी है !!
ये पाताली राजा अपने असली रूप में आएगा
जल थल अग्नि आकाश पवन पर अपना रूप दिखायेगा !!
नरमुंडों के ढेर लगेंगे लाश होगी लाश पर
रक्त के नाले बहेंगे देखना आकाश पर !!
श्री राहु कृपा करें ..........
चेतावनी नहीं अब रण होगा
संघर्ष महा भीषण होगा !
कैसे राहु पलट सके है कितनो की तकदीर
समय दिखाए कैसे कैसे राजा बने फकीर !
जो भी देखा अभी तलक वो तो केवल झांकी है
देखो लीला कटे शीश की अभी बहुत सी बाकी है !!
ये पाताली राजा अपने असली रूप में आएगा
जल थल अग्नि आकाश पवन पर अपना रूप दिखायेगा !!
नरमुंडों के ढेर लगेंगे लाश होगी लाश पर
रक्त के नाले बहेंगे देखना आकाश पर !!
श्री राहु कृपा करें ..........
Tuesday, June 25, 2013
अनुसंधान के अनुसार
जय
श्री राहू ........ अनुसंधान के अनुसार श्री राहू जी कहते हैं की मकर
लग्न की पत्रिका बनती है जिसमे राहू शनि चन्द्र दशम भाव में बैठे हैं !
यहाँ से श्री केतु महाराज काल सर्प (ज्योतिष भाषा में )का निर्माण करते हैं
परन्तु अनुसंधान के अनुसार श्री राहू जी कहते हैं की जो भी अभी दो दिन
पहले हुआ जिसमे की सरकार का दावा है की दो सौ लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे
परन्तु वास्तव में ये आंकड़ा पंद्रह हज़ार के पार जा सकता है !
खैर
अनुसंधान से जो बात सामने आई है वो ये है की श्री राहु अभी कहीं से भी शांत
होते नहीं लगते ! लगभग बाईस डिग्री के राहु अभी चौबीस या पच्चीस जून के आस
पास या फिर इसके बाद बड़ी घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं ! यकीं मानिए मेरा
अभिप्राय किसी को भयभीत करने से नहीं है ! परन्तु राहु के शिकंजे में काल
पहले से था और रही सही कसर अस्त होते मार्गी देव गुरु ब्रहस्पति कर दी है
अब शुक्र और चन्द्र बस शान्ति से राहु के
सामने सर नतमस्तक कर खड़े रहने के सिवा कुछ नहीं करेंगे ! वहीँ न्यायधीश
शनि ने अपने सभी फैसलों को अमल में करने के लिए श्री राहू का रास्ता खुला
छोड़ा है !
प्राकर्तिक आपदा का ये दौर शायद जल्दी ही रुके ! ध्यान
रहे की श्री राहु सभी कार्य अचानक ही करते हैं ! सो देश से ही नहीं विदेश
से भी ( श्री राहू विदेश से सम्बंधित हैं और कारावास भी देते हैं )अचानक
किसी बड़ी हस्ती के नाम पर शोक की खबर या फिर तख्ता पलट भी श्री राहु करवा
सकते हैं ! अचानक होने वाले आतंकी घटनायों और दुर्घटनाओं जिसमे रेल और हवाई
भी शामिल है हो सकती हैं !
(उपरोक्त विचार मेरे निजी अनुसंधान पर
आधारित हैं और मैं इन्हें लेकर कोई दावा नहीं करता ! यदि किसी ज्योतिष
मित्र को मेरे लेख से आपत्ति हो तो मुझे ज्योतिषी न मानते हुए क्षमा करें )
श्री राहू कृपा करें .........................
अनुसंधान के अनुसार
जय
श्री राहू मित्रों ........यदि मित्रो याद हो तो आज से कुछ दिन पहले ही
अनुसंधान के अनुसार सूर्य और श्री राहु के टकराव का समय देते हुए ये
भविष्यवाणी दी थी की सूर्य जहां अपने कोप से पाताल और धरती को झुलसाने का
प्रयत्न करेंगे वहीँ श्री राहु जल प्रलय और प्राकर्तिक आपदाओं को अंजाम दे
सकते हैं ! मेरे कुछ प्रेमी मित्रो ने मुझे निजी सन्देश भेज कर मेरी
अनुसंधान द्वारा की गयी भविष्यवानियों पर कटाक्ष करते हुए आपत्ति की थी !
कुछ मित्रों ने तो यहाँ तक कहा था की घटना होने के बाद लोग उसे अपनी
भविष्यवाणी से जोड़ देते हैं ! किसी ने कहा की आप ज्योतिष का सहारा लेकर
लोगो को डराने का प्रयत्न करते हैं !
परन्तु मित्रो मुझे अपने
अनुसंधान का जो परिणाम मिलता है मैं उसे ज्यूँ का त्यूं लिख देता हूँ ! खैर
जो आज केदारनाथ और अन्य स्थानों पर हुआ उसका मुझे भी दुःख है परन्तु जैसा
अनुसंधान में पाया गया वैसा मैंने लिख दिया !
हालांकि मैंने बीच समय में लिखना बंद कर दिया था परन्तु श्री अतुल कक्का
और श्री जीतेन्द्र जी ने कहा की आप अनवरत लिखो किसी कटाक्ष की चिंता न करो
सो आज चाह कर भी अपने को रोक नहीं पाया !
यदि याद हो तो आडवाणी की विदाई और मोदी की ताज पोशी के बारे में भी पहले ही लिख दिया गया था !
खैर आज मिले कुछ मित्रों के कटाक्ष रुपी निजी संदेशो ने आहात नहीं किया तो
कम से कम थोड़ी पीड़ा जरूर दी है ! मेरा काम है सिर्फ अनुसंधान और उसके बाद
परिणाम देखना ! अतुल कक्का और जितेन्द्र जी जैसे लोगो के साथ और मार्गदर्शन
से ये काम आगे भी सुचारू रूप से चलता रहेगा ऐसी मुझे तो आशा है !
श्री राहू कृपा करें ....
Wednesday, February 6, 2013
वास्तु विज्ञान में मनी प्लांट का पौधा लगाने के लिए आग्नेय दिशा
वास्तु विज्ञान के अनुसार हर पौधे के लिए एक दिशा निर्धारित है। अगर उचित दिशा में पेड़-पौधा लगाते हैं तो वातावरण की सकारात्मक उर्जा का लाभ मिलता है। लेकिन गलत दिशा में वृक्षारोपण करने से लाभ की बजाय नुकसान होने लगता है। वास्तु विज्ञान में मनी प्लांट का पौधा लगाने के लिए आग्नेय दिशा यानी दक्षिण-पूर्व को उत्तम माना गया है। आग्नेय दिशा के देवता गणेश जी हैं और प्रतिनिधि ग्रह शुक्र है। गणेश जी अमंगल का नाश करते हैं और शुक्र सुख-समृद्धि का कारक होता है। बेल और लता का कारक शुक्र होता है इसलिए आग्नेय दिशा में मनी प्लांट लगाने इस दिशा सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होता है।
मनी प्लांट के लिए सबसे नकारात्मक दिशा ईशान यानी उत्तर पूर्व को माना गया है। इस दिशा में मनी प्लांट लगाने पर धन वृद्धि की बजाय आर्थिक नुकसान हो सकता है। ईशान का प्रतिनिधि ग्रह बृहस्पति है। शुक्र और बृहस्पति में शत्रुवत संबंध होता है क्योंकि एक राक्षस के गुरू हैं तो दूसरे देवताओं के गुरू। शुक्र से संबंधित चीज इस दिशा में होने पर हानि होती है। वास्तु विज्ञान के अनुसार उत्तर पूर्व दिशा के लिए सबसे उत्तम तुलसी का पौधा होता है। इसलिए ईशान दिशा में मनी प्लांट लगाने की बजाय चाहें तो तुलसी लगा सकते हैं। अन्य दिशाओं में मनी प्लांट का पौधा लगाने पर इसका प्रभाव कम हो जाता है।
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