आज हम इस कॉलम से आर्थिक मामलों के बारे में जानेंगे। आज के इस युग में आर्थिक समस्या अधिक है। हर इनसान इस समस्या से जूझ रहा है। हर न्यूज पेपर में निरंतर एक खबर धन से संबंधित रहती है और कोई न कोई इस समस्या से आत्मघाती कदम उठा लेता है।
आय भाव एकादश भाव को कहते हैं व एकादश भाव में बैठे ग्रह को एकादशेश कहते हैं। जन्मकुंडली में एकादश भाव ग्यारहवें भाव को कहते हैं। धन भाव द्वितीय भाव को कहते हैं। आय हो लेकिन बचत न हो तब भी थोड़ी परेशानी रहती है। जितनी परेशानी आय न होने पर रहती है उतनी बचत न होने पर नहीं रहती।
जब आय भाव एकादश का स्वामी अष्टम भाव में हो तो आय के मामलों में बाधा का कारण बनता है। ऐसी स्थिती में एकादश भाव को बलवान किया जाए तो आय के क्षेत्र में बाधा दूर होती है। एकादश भाव के स्वामी की वस्तुओं को सवा पाव उस ग्रह से संबंधित रंग के कपडे़ में बाँधकर घर की छत पर रखना चाहिए, ऐसा करने से आय में सुधार आएगा।
एकादशेश व धनेश एक ही हो तब उससे संबंधित रत्न धारण करना चाहिए। या उससे संबंधित वस्तुओं को उसी रंग के कपडे़ में बाँधकर घर में रखना चाहिए। इसी प्रकार षष्ट भाव में हो तो उपरोक्त उपाय करना चाहिए।
मेष लग्न में एकादशेश शनि, वृषभ लग्न में एकादशेश गुरु, मिथुन लग्न में मंगल, कर्क लग्न में शुक्र, सिंह लग्न में बुध, कन्या लग्न में चन्द्र, तुला लग्न में सूर्य, वृश्चिक लग्न में बुध, धनु लग्न में शुक्र, मकर लग्न में मंगल, कुंभ लग्न में गुरु, मीन लग्न में शनि होगा।
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