सप्तम में बैठे शनि की दसवीं दृष्टि चौथे घर में बैठे उसके शत्रु सूर्य पर होने से चौथे घर और सूर्य का फल अनेक प्रकार से अशुभ हो जाता है। एक तो चौथे घर का फल यानी हमारी मानसिक शांति और गृहस्थ सुख, दोनों पर शनि का अशुभ प्रभाव और दूसरे शनि की दृष्टि से दूषित सूर्य का चौथे घर पर अपना अशुभ प्रभाव रहता है।
सूर्य की दृष्टि दसवें घर पर होने से उसका प्रभाव कर्मक्षेत्र, नौकरी और व्यवसाय पर भी ठीक नहीं रहता। नहोराता के ग्रहों का अशुभ असर सूर्यास्त के बाद प्रबल होता है। इसका प्रभाव व्यक्ति की दृष्टि और कार्यक्षेत्र में अधिक रहता है। ऐसे व्यक्तियों को अपने कैरियर में बहुत दिक्कतें आती हैं और उतार-चढ़ाव बना रहता है। खासतौर पर अगर वे ऐसे कामों में हों, जहां नाइटशिफ्ट में काम करना पड़े। जिन व्यक्तियों की कुंडली में यह योग हो, उन्हें कोई भी नया काम, नया प्रोजेक्ट सूर्यास्त के बाद शुरू नहीं करना चाहिए। किसी नए कार्य की कार्ययोजना भी सूर्यास्त के बाद न बनाएं, अन्यथा ऐसे प्रोजेक्ट्स में बहुत रुकावटें आती हैं और सफलता संदिग्ध ही रहती हैं।
सूर्य-शनि की ऐसी स्थिति व्यक्ति के आत्मबल (सूर्य) और मनोबल (चंद्रमा-चतुर्थ भाव) पर अशुभ असर देती है, जिससे व्यक्ति की निर्णय क्षमता और संकल्पशक्ति पर प्रभाव पड़ता है।
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