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Thursday, December 16, 2010

राहू की दशा / काल सर्प योग के आसान उपाय

सभी मित्रों को मेरा सादर प्रणाम ! दोस्तों आज हम बात करेंगे राहू के बारे में ! मुझे पिछले दिनों के लोगों से बात करने का अवसर मिला ! ब्लॉग पढकर इन लोगों ने मुझसे कई सवाल किये ! ज्यादातर लोगो से बात करने के बाद पता चला की किसी न किसी तरह राहू के बारे में यही पता है की जब जब राहू की दशा आती है तो राहू कष्ट देता है ! जैसा की मैने अपने पिछले लेखो  में भी लिखा है की राहू सदा नुक्सानदाई नहीं होता ! राहू इच्छाओं का कारक है ! जब भी किसी घटना या या क्रिया के साथ अचानक शब्द का प्रयोग हुआ तो मान लीजिये की राहू की उपस्थिति दर्ज हो गयी ! अचानक दुर्घटना , अचानक मृत्यु , अचानक धन की प्राप्ति , सट्टा , लोटरी कंप्यूटर , अचानक अपराध में वृद्धि इन सभी का कहीं न कहीं राहू से सम्बन्ध है !

कुछ लोगों ने ये भी कहा की आपने कहा था की काल सर्प योग का निवारण बहुत आसान है लेकिन आपने बताया नहीं ! मित्रों ... काल सर्प योग का निवारण बहुत आसान है और बहुत सस्ता भी है ! पहले तो काल सर्प योग के बारे में जान ले ! जब भी राहू और केतु के मध्य सभी गृह  आ जाते हैं तो काल सर्प योग का निर्माण होता है !  और ध्यान देने योग्य बात ये है की जिस प्रकार शनि की साढ़े साती या दशा सदा पीढ़ा नहीं देती और कई बार जातक को नयी सफलता देती है उसी प्रकार काल सर्प योग भी व्यक्ति को कई बार सफलता के उस शिखर पर बैठा देता है जिसकी उसने कभी आशा नहीं की होती ! खैर ये सब बातों को करने का कोई लाभ नहीं है क्यूंकि आज यदि कोई काल सर्प योग से पीड़ित है तो उसे उसका निदान चाहिए और कुछ नहीं !

काल सर्प योग के निदान हेतु सबसे आसान उपाय मैं यहाँ देने जा रहा हूँ ! पहले तो ये देखें की काल सर्प योग में  राहू की स्तिथि क्या है यदि आपकी जन्म कुंडली के पहले स्थान से छठे स्थानके बीच   राहू महाराज विधमान हैं तो आपको इस का निदान पूर्णमासी के दिन करना है और यदि आपके कुंडली के पहले से छठे स्थान के बीच  केतु भगवान् विराजमान हैं तो आपको ये उपाय अमावस्या के दिन करना है और ये उपाय सिर्फ राहू काल में ही करें !
काल सर्प योग के निवारण हेतु आप लगभग सवा पांच किलो कच्चे चावल लें और उन्हें बांस की टोकरी में रख लें उसके पश्चात लगभग दो या सवा दो लीटर दूध लेकर उन चावलों के ऊपर डाल लें जिससे की चावल पूर्ण तरीके से दूध में  हो जाएँ उसके बाद राहू काल में जैसा की मैने पहले कहा है उन चावलों को ले जाकर किसी नदी में प्रवाहित कर दें और प्रवाहित करते समय राहू महाराज से प्रार्थना करतें रहे की वे आपको काल सर्प योग से होने वाले दुष्प्रभावों से मुक्ति दें तथा इस योग के जो भी सुप्रभाव हो उनको आपके जीवन मैं लायें !

उसके साथ ही काल सर्प योग का ये उपाय यदि आपको करने में असुविधा लगती हो तो जैसा मैंने बताया है की राहू  की स्तिथि देखते हुए या पूर्णमासी या फिर केतु की स्तिथि देखते हुए अमावस्या के किसी भी सोमवार से कच्चे दूध में भांग की थोड़ी पत्तियाँ डाल कर शिवलिंग पर लगतार चढ़ाएं और यदि आप लगातार करने में भी समर्थ न हों तो प्रत्येक सोमवार अवश्य करें आपको निश्चित रूप से लाभ होगा और आपके कार्यो में सफलता मिलना शुरू हो जाएगा तथा सुख का आगमन होगा ! ये उपाय कारगर हैं यदि आप विश्वास रखें तो ये वो उपाय हैं जिनसे आप बेकार के खर्चों से बचते हुए सामान्य रूप से करके लाभ उठा सकते हैं ! तो मित्रों आज के लिए बस इतना हे आगे आपसे फिर मुलाक़ात होगी तब तक के लिए नमस्कार !

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