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Tuesday, December 28, 2010

यही मेरी कलम की आवाज़ है

नमस्कार मित्रों ! वैसे तो ये ब्लॉग मैंने ज्योतिष सम्बंधी विषयों के लिए बनाया था  परन्तु पेशे से पत्रकार होने की वजह से जब दिल में  कुछ विचार आते हैं तो कलम को रोकना संभव नहीं हो पाता ! खैर : अभी एक नक्सली समर्थक विनायक सेन की गिरफ्तारी ने हलचल मचा रखी है !रायपुर में सक्रिय डाक्टर विनायक सेन  लंबे समय से नक्सली सहयोगी के रूप में जाने जाते हैं। छत्तीसगढ़ शासन ने उन्हें दो वर्ष पहले अवैध गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किया।तब सन 2007  में भी सुप्रीम कोर्ट ने सेन की जमानत याचिका खारिज करते हुए सवाल दागा था की सेन की जमानत की याचिका देने वाले उनके पीयूसीएल से जुड़े होने पर इतना जोर क्यूँ दे रहे हैं ? क्या पीयूसीएल से जुड़े होने पर किसी को अराजक गतिविधियों या अराजक तत्वों जैसा काम करने की छूट मिल जाती है ! अब जब दुबारा सेन की गिरफ्तारी हो रही है तो न तो रायपुर में कोई हलचल है न ही छत्तीसगढ़ में ! नक्सलियों ने ही नहीं सभी देश द्रोही संगठनों ने ये रणनीति बना रखी है की कोई सामाजिक दिखावट वाला लबादा ओढ़ लिया जाए बस फिर मजे में जो चाहो करो !
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ध्यान देने लायक बात ये है की सेन की रिहाई की मांग कर कौन रहा है ? क्या सेन कोई  मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं या बहुत बड़े समाज सेवी हैं ,जिन्हें सरकार परेशान कर रही है ! ध्यान देने लायक बात ये भी है की अभी तक जिन भी नक्सल समर्थक हस्तियों को रमन मैग्सेसे पुरूस्कार दिया गया है वो किस संस्था या व्यक्ति द्वारा संचालित है तो जान कर हैरानी होगी की ये पुरूस्कार देने वाली संस्था अमेरिका के प्रसिद्ध रॉकफेलर फाऊंडेशन द्वारा स्थापित एवं फोर्ड फाऊंडेशन द्वारा वित्तीय साहयता प्राप्त है ! क्यूँ अमेरिका के इस फाऊंडेशन ने ये आधार बनाया है की सरकार विरोधी और संस्कृति के विरुद्ध कार्य करने वाले लोगों को ही ये सम्मान दिया जाएगा ? आज विनायक सेन को आज़ाद करने के लिए जिस संस्था ने मुहीम चला रखी है  उस संस्था  का आधार भी जान लें ! पीपुल्स वाच नाम की इस संस्था को पूरी आर्थिक मदद हौलेंड की इसाई संस्थाएं करती हैं ! आखिर सेन का इतना नाम तो नहीं की या वो कोई इतने बड़े समाज सेवक नहीं की उनकी गिरफ्तारी पर अमेरिका और फ्रांस आदि देशो में बैठे लोगों के पेट में दर्द शुरू हो जाए ! मेरी समझ में ये नहीं आता की विदेशों में बैठे  लोग सेन को आखिर इतना अच्छी तरह कैसे जानते हैं की गिरफ्तारी  के तुरंत बाद इनके माथे पर शिकन आ जाती है ! गौर किया जाए तो नक्सली समर्थक लोगो या नेताओं को ईसाई  संस्थाएं ही सम्मान से नवाज रही हैं इस बात की ओर किसी का ध्यान क्यों नहीं जाता ?
   बात सिर्फ विदेश की ही नहीं हमारे देश मैं भी कई बुद्धिजीवियों को सेन की गिरफ्तारी से बड़ी दिक्कत है ! अगर हमारे देश की न्यायपालिका ने पूरी न्यायिक प्रक्रिया के बाद सेन को कैद की सजा सुनाई तो कुछ बुद्धिजीवियों ने बिना तथ्य देखे फैसला सुना दिया की सेन निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया गया है ! कमाल की बात है जिस सेन की गिरफ्तारी के लिए प्रशासन सबूत जुटा कर अदालत पहुंचा उन सबको इन बंद कमरों में बैठने वाले लोगों ने जो कभी शायद नक्सली क्षेत्र में गए भी न हों ने फैसला सुना दिया की सेन निर्दोष हैं ! तिस पर राम जेठमलानी सरीखे वकील ने तो कह ही दिया की में सेन को अच्छी तरह जानता हूँ की वे निर्दोष हैं ! तो भाई साहब अब जिस किसी को गिरफ्तार करना हो तो पहले इन बुद्धिजीवी वर्ग से अनापत्ति प्रमाण पत्र जरूर ले लें !
     दया आती है इन लोगो की सोच पर कभी अफजल की फांसी का विरोध करते हैं कभी किसी देश द्रोही की वकालत करने को आतुर हो जाते हैं ! दरअसल ये हमारे अतीत के वो बीज हैं जो हमने अपने वोट बैंक की खातिर बो तो दिए लेकिन अब  कोई इसकी फसल काटने  को तैयार नहीं है ! और अब इन फसलो के पास जाना भी खतरे से खाली नहीं सब जानते हैं !क्युकी अब ये फसल जहर से लदी खड़ीहैं ! आखिर में ये चंद पंक्तियाँ लिखने से अपने को रोक नहीं पा रहा हूँ  " ये हश्र भी देखा है तारीख की नज़रों ने .......लम्हों ने खता की थी सदीयों ने सजा पायी है "   

Monday, December 20, 2010

मुझे मौत चाहिए

जी हाँ मैं एक आम आदमी हूँ और मैं आत्महत्या करना चाहता हूँ ! मैं कई दिनों से विचार कर रहा था ! लगातार सोच रहा था पर किसी निश्चय पर नहीं पहुँच पा रहा था ! किसी से कह भी नहीं पा रहा था ! कई दोस्तों से बात की सबने बात को हंसी में उड़ा दिया ! किसी ने कोई ठोस राय नहीं दी ! मैं असमंजस में था ! कोई मदद भी करने को तैयार नहीं था ! मदद बाद की बात किसी के पास मेरी बात सुनने का समय भी नहीं था ! कोई समय निकाल ही नहीं पा रहा था ! टेलीविजन से कोई नया रास्ता पाने की फिराक में टीवी चालु करके देखा और कई दिन देखा पर वो बेचारे बहुत व्यस्त थे ! सभी चेनल या तो सलमान और कटरीना की फ़िक्र में  थे जो बचे हुए थे वो या तो सास बहु सीरियल की कहानी सुनाने में  लगे थे या फिर कांग्रेस पार्टी के महाधिवेशन की कुर्सियां दिखाने में मसरूफ थे ! मेरी आत्महत्या से किसी को कुछ नहीं लेना था ! लेना भी क्यूँ हो ? मैं एक आम आदमी जो ठहरा ! मेरी औकात ही क्या है !
           मैं लाचार हो चुका हूँ ! कम से कम आप लोगों को मेरी आत्महत्या के विषय पर सोचना होगा और अगर सब नहीं तो शायद कोई तो ऐसा होगा जो मुझे किसी तरह की राय देगा ! चाहे हंसी में देगा पर देगा ऐसा मेरा भरोसा है ! मैने बड़े बड़े नेताओं को जनता की अदालत की बात करते देखा है  ! जब भी कोई बात होती है तो सभी नेताओं ,चेनल सभी को कहते सुना है की जनता इस बात का फैसला करेगी ! मुझे भी अब लगता है की जनता ही मेरा फैसला करेगी ! कितनी अच्छी बात होगी ? एक आम आदमी का फैसला बहुत सारे आम आदमी करेंगे !
          मेरी व्यथा ये है की मैं अपने परिवार के आगे शर्मिंदा हूँ ! अपने परिवार से आँखें नहीं मिला पाता !मैं एक साधारण नौकरी करता हूँ ! 60 रूपये किलो का प्याज और चालीस रूपये किलो का टमाटर मैं अपने परिवार को नहीं खिला सकता ! सौ रूपये वाली दाल एक बार खरीद लेने के बाद दुबारा पंसारी से आँख मिलाने की हिम्मत नहीं होती ! तीस रूपये किलो का दूध खरीदने के बाद दूध वाला जब अगले महीने दाम बढ़ाने की जब बात करता है तो वो  ग्वाला दिखने की बजाय प्रणब मुखर्जी ज्यादा लगता  है ! आज जब सुना की रसोई गैस की कीमत में फिर बढ़ोतरी की आशंका है तो परिवार खाना खाने की बजाय इस बात पर विचार विमर्श करने लगा की जो गैस सिलंडर एक महिना चलता था  को और ज्यादा कैसे चलाया जाए ! पहले जब जेब में पैसे नहीं होते थे तो घर में  झूठा गुस्सा दिखा कर काम चल जाता था क्यूंकि गुस्सा देख कर घरवाली पैसे मांगने या किसी चीज की मांग करने की हिम्मत नहीं करेगी ! पर अब ये तरीका भी बेकार हो चला है क्यूंकि झूठी राजनीति से देश तो चल जाता है लेकिन घर नहीं ! सो इस झूठे गुस्से की पोल भी खुल चुकी है !
   
      खैर सच्चाई ये है की मैं हार चुका हूँ कभी कभी खुद अपने दिल में सोचता हूँ की भगवान् ने मुझे क्यों इस धरती पर भेजा अगर भेजा तो इतना गरीब बना कर क्यों भेजा ? क्या आम आदमी होना मेरे लिए इतना बड़ा श्राप है ! क्यूँ भगवान् जिनके पास है उन्ही को  और दिए जा रहा है ? अगर भगवन दे भी रहा है तो दे दे मुझे कोई परेशानी नहीं ....परेशानी ये है की वही भगवान् मुझे अपने गुजारे लायक भी क्यूँ नहीं दे रहा ? क्यूँ मुझे अकेले में रोना पड़ता है ? क्यूँ भगवान् ने मेरे जैसे आदमी को सिर्फ चिंता कमाने के लिए रख छोड़ा है ? मुझे नहीं चाहिए बड़ा बंगला नहीं चाहिए बड़ी गाडी नहीं चाहिए नौकरों की लम्बी फ़ौज पर अपने और अपने परिवार के गुजारे के लिए तो पूरा चाहिए !

सो अब फैसला किया है की मुझे मरना चाहिए ! क्यूंकि भगवान् से जीते जी तो बात नहीं हो सकती शायद मरने के बाद उसके संसार में जाकर दो चार सवाल पूछ पाऊँ और अपने जैसे न जाने कितने आम आदमी जो दुःख झेल रहे हैं शायद उनके बारे में भगवान् को सब बता सकूँ क्यूंकि लगता है इन पैसे वालों ने कहीं भगवान् के संदेशवाहक को तो नहीं खरीद लिया जो हम जैसे लोगो की पुकार  भगवान् तक नहीं पहुँचने दे रहे हों ! मैंने सुना है भगवान् सब देखता है  तो मुझे भी उम्मीद यही है मेरा ये लेख भी भगवान् देखेगा और कुछ न कुछ जरूर करेगा ! शायद भगवान् इसी लेख को विनती मान कुछ पिघल जाए ! .......तब तक आप लोगों से विनती है की मेरे इस लेख को मेरा निजी लेख मान कर अपनी राय या प्रतिक्रिया जरूर दें की मुझे किस तरह मरना चाहिए शायद आपके बताये रास्ते से मैं अपने मन पक्का कर अपनी मौत के फैसले को और मजबूत कर सकूँ और अपने मौत के विचार को और मजबूत कर लूँ !


आपकी सलाह और मार्गदर्शन की मुझे पूरी आस है आशा है आप अपने मार्गदर्शन से मेरे फैसले को और मजबूत करेंगे!    
आप लोगों से विनती है की ब्लॉग के किसी लेख पर अपनी
राय दें या न दें पर इस विषय पर प्रतिक्रिया जरूर दें
....आपका मित्र   समीर चतुर्वेदी  

Thursday, December 16, 2010

राहू की दशा / काल सर्प योग के आसान उपाय

सभी मित्रों को मेरा सादर प्रणाम ! दोस्तों आज हम बात करेंगे राहू के बारे में ! मुझे पिछले दिनों के लोगों से बात करने का अवसर मिला ! ब्लॉग पढकर इन लोगों ने मुझसे कई सवाल किये ! ज्यादातर लोगो से बात करने के बाद पता चला की किसी न किसी तरह राहू के बारे में यही पता है की जब जब राहू की दशा आती है तो राहू कष्ट देता है ! जैसा की मैने अपने पिछले लेखो  में भी लिखा है की राहू सदा नुक्सानदाई नहीं होता ! राहू इच्छाओं का कारक है ! जब भी किसी घटना या या क्रिया के साथ अचानक शब्द का प्रयोग हुआ तो मान लीजिये की राहू की उपस्थिति दर्ज हो गयी ! अचानक दुर्घटना , अचानक मृत्यु , अचानक धन की प्राप्ति , सट्टा , लोटरी कंप्यूटर , अचानक अपराध में वृद्धि इन सभी का कहीं न कहीं राहू से सम्बन्ध है !

कुछ लोगों ने ये भी कहा की आपने कहा था की काल सर्प योग का निवारण बहुत आसान है लेकिन आपने बताया नहीं ! मित्रों ... काल सर्प योग का निवारण बहुत आसान है और बहुत सस्ता भी है ! पहले तो काल सर्प योग के बारे में जान ले ! जब भी राहू और केतु के मध्य सभी गृह  आ जाते हैं तो काल सर्प योग का निर्माण होता है !  और ध्यान देने योग्य बात ये है की जिस प्रकार शनि की साढ़े साती या दशा सदा पीढ़ा नहीं देती और कई बार जातक को नयी सफलता देती है उसी प्रकार काल सर्प योग भी व्यक्ति को कई बार सफलता के उस शिखर पर बैठा देता है जिसकी उसने कभी आशा नहीं की होती ! खैर ये सब बातों को करने का कोई लाभ नहीं है क्यूंकि आज यदि कोई काल सर्प योग से पीड़ित है तो उसे उसका निदान चाहिए और कुछ नहीं !

काल सर्प योग के निदान हेतु सबसे आसान उपाय मैं यहाँ देने जा रहा हूँ ! पहले तो ये देखें की काल सर्प योग में  राहू की स्तिथि क्या है यदि आपकी जन्म कुंडली के पहले स्थान से छठे स्थानके बीच   राहू महाराज विधमान हैं तो आपको इस का निदान पूर्णमासी के दिन करना है और यदि आपके कुंडली के पहले से छठे स्थान के बीच  केतु भगवान् विराजमान हैं तो आपको ये उपाय अमावस्या के दिन करना है और ये उपाय सिर्फ राहू काल में ही करें !
काल सर्प योग के निवारण हेतु आप लगभग सवा पांच किलो कच्चे चावल लें और उन्हें बांस की टोकरी में रख लें उसके पश्चात लगभग दो या सवा दो लीटर दूध लेकर उन चावलों के ऊपर डाल लें जिससे की चावल पूर्ण तरीके से दूध में  हो जाएँ उसके बाद राहू काल में जैसा की मैने पहले कहा है उन चावलों को ले जाकर किसी नदी में प्रवाहित कर दें और प्रवाहित करते समय राहू महाराज से प्रार्थना करतें रहे की वे आपको काल सर्प योग से होने वाले दुष्प्रभावों से मुक्ति दें तथा इस योग के जो भी सुप्रभाव हो उनको आपके जीवन मैं लायें !

उसके साथ ही काल सर्प योग का ये उपाय यदि आपको करने में असुविधा लगती हो तो जैसा मैंने बताया है की राहू  की स्तिथि देखते हुए या पूर्णमासी या फिर केतु की स्तिथि देखते हुए अमावस्या के किसी भी सोमवार से कच्चे दूध में भांग की थोड़ी पत्तियाँ डाल कर शिवलिंग पर लगतार चढ़ाएं और यदि आप लगातार करने में भी समर्थ न हों तो प्रत्येक सोमवार अवश्य करें आपको निश्चित रूप से लाभ होगा और आपके कार्यो में सफलता मिलना शुरू हो जाएगा तथा सुख का आगमन होगा ! ये उपाय कारगर हैं यदि आप विश्वास रखें तो ये वो उपाय हैं जिनसे आप बेकार के खर्चों से बचते हुए सामान्य रूप से करके लाभ उठा सकते हैं ! तो मित्रों आज के लिए बस इतना हे आगे आपसे फिर मुलाक़ात होगी तब तक के लिए नमस्कार !

Thursday, December 9, 2010

मेरी सोच

नमस्कार मित्रों आज ज्योतिष से कुछ हटकर बात करने का मन हुआ है ! पिछले कुछ समय से हमारी लोक सभा और राज्य सभा ठप पढ़ी हैं ! मुद्दा था टेलिकॉम घोटाला ! अब एक टेलिकॉम घोटाले को लेकर इतना हल्ला करने की क्या जरूरत है ! जब अभी दिल्ली के कोमन वेल्थ खेलो को हम पचा गए और कुछ नहीं किया तो क्या करना इस घोटाले को लेकर ! क्यों इतना हल्ला मचा है ! इन बेशर्म हो चुके नेताओं को क्या फर्क पड़ता है ? आपको क्या लगता है क्या ये विपक्ष आपको सजग करने के लिए इतना हल्ला मचा रहा है ? नहीं.....!  जरा भ्रष्टाचार  का विरोध करने वालों के चेहरे देखो ! भ्रष्टाचार करने वालो के चेहरों से कम बेशर्मी नहीं है इनकी शक्लों पर ! इन्हें गुस्सा इस बात का नहीं की भ्रष्टाचार हुआ है इन्हें गुस्सा इस बात का है की इन्हें ये सब करने का मौका नहीं मिला ! बनारस मैं बम फटा इन लोगो के चेहरे पर शिकन नहीं है ! इन्हें देश की तरक्की या सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं है ! इन्हें फ़िक्र है तो बस इस देश को कैसे लूटा जाए , यहाँ के लोगो को कैसे मुर्ख बनाया जाए ! ये हमें मुर्ख बना सकते हैं क्युकी हम है ही मुर्ख ! हमें बस चटपटी खबरों का चस्का है ! हमारी जेब पर कौन डाका डाल रहा है हमें इसकी कोई चिंता नहीं है !
     आज अगर हम अपने देश की बात करें तो शायद इससे बेहतर हम गुलाम ही भले थे ! कम से कम हम किसी नियम से से चलते थे ! हमें डर था की अगर अपराध किया तो दंड मिलेगा ! पर आज अपराधी बेख़ौफ़ हैं ! रोज लूट होती है रोज डाके पड़ जाते हैं , रोज हत्याकांड होते हैं लेकिन देश की रानी और उनके चापलूस मंत्री सोते हैं ! जो पाप सरकार के सर है उससे बड़ा पाप विपक्ष के सर पर है ! किसी भी मुद्दे पर भाँड़ो की तरह टीवी पर झूठा गुस्सा दिखाना विपक्ष की आदत मैं है ! इन नेताओं से भली जात तो उन गा बजा कर मांगने वालों की है जिनकी कोई पहचान तो है लेकिन इन मोटी चर्बी वाले भाँड़ो को क्या कहें ! उद्योगपतियों के दलाल बने बैठे है सत्ता के गलियारों में ! देश के करोडो लोगो को अनाज क्या भले ही पीने के लिए गन्दा भी पानी न मिले पर इन सत्ता के दलालों को संसद में मिनरल वाटर के बिना गुजारा करना नहीं आता ! एक बार एक ज्योतिष मित्र ने कहा की कलयुग में राहू की सत्ता होगी अब लगता है उनका इशारा कहाँ था और बिलकुल सही था !  
       और आज के सबसे बड़े नौटंकी करने वाले अगर हैं तो वो हैं हमारे खबरिया चेनल ! किस खबर को किसके पक्ष मैं दिखाना है ये कलाकारी कोई इनसे पूछे ! किसी एक खबर को आप अलग अलग चेनल पर देखिये ! सभी चेनल तुरंत फैसला सुनाने को आतुर हैं की कौन गलत है और कौन सही ! टीवी पर खबर चल रही है सुरक्षा बल के 70 जवानों को नक्सलियों ने मार दिया पर खबर से ज्यादा इन चेनलों को ब्रेक मे विज्ञापन दिखाने की मजबूरी है ! खबरों के नाम पर किस तरह के स्टिंग होते है उसका नज़ारा सब कई बार देख चुके हैं ! आखिर करें भी क्या जब सब देश को लूटने में लगे हैं तो तो इनका भी हक बनता है न की देश के इस धर्म जिसका नाम भ्रष्टाचार है उसका अनुसरण करें !
                              शायद मेरे इस लेख को पढ़ कर आप सोच रहे होंगे की इस ज्योतिष की बात करने वाले को क्या हुआ ? कहीं समीर चतुर्वेदी पागल तो नहीं हो गया जो ज्योतिष से हटकर बेकार की बातों मे अपनी रूचि दिखा रहा है ! और एक विषय नहीं सब बातों को एक धागे मे डालने की कोशिश कर रहा है पर क्या करूँ बहुत कोशिश करता हूँ शांत रहूँ पर जब दिल का ज्वालामुखी फटने को होता है तो दिल के हर छेद से लावा फूट फूटकर निकलता है ! जानता हूँ की कोई अकेला कुछ नहीं कर सकता पर किसी की कही ये पंक्तियाँ याद आ जाती हैं   """ कौन कहता है आसमान से सितारे नहीं टूटा करते ...एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों .!