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Wednesday, June 8, 2011

सरकार की दमन की ताक़त

                नमस्कार मित्रों , बाबा रामदेव अध्याय जितनी तेजी से शुरू हुआ उस से दुगनी तेजी से इस सरकार ने उसका दमन कर दिखा दिया की सरकार अपनी मनमर्जी की मालिक है ! यदि इस सरकार के खिलाफ कोई भी आवाज़ उठाएगा तो उसका सर इसी तरह से कुचला जाएगा ! हालांकि मैंने अपने पिछले लेख में बाबा के अनशन को लेकर हुए सरकार से गुप्त समझौते की शंका  इस अनशन के शुरू होने से पहले ही कर दी थी और बाद में सरकार ने बाबा का समझौते वाला पत्र भी दिखा दिया था ! खैर बाबा ने जो समझौता किया वो एक अलग बात है की सरकार ने शायद उन पर दवाब डाल कर वो पत्र लिखवाया नहीं तो बाबा शायद होटल से ही गिरफ्तार हो जाते ! पर सब समझौता होने के बाद भी सरकार को ऐसी क्या जल्दी पढ़ी थी की आधी रात में सोते हुए निर्दोष लोगों के ऊपर लाठी और अश्रु गैस का प्रहार करना पढ़ा ! बाद में  इस सरकार ने अपना किया पाप छुपाने के लिए न जाने कितने बहाने बनाये ! यहाँ तक की जब सुप्रीम कोर्ट ने खुद मामले का संज्ञान लिया तो दिल्ली  पुलिस ने उन कैमरों को भी जब्त कर लिया जिनमे उनकी दरिंदगी दिखाई दे जाती !
                                  रामलीला मैदान में हुए इस काण्ड की सूंघ तो तभी से आने लगी थी जब से दिग्विजय सिंह सरीखे पार्टी के महासचिव ने बाबा को खुलेआम धमकी देने वाले अंदाज़ में कहा था की बाबा सरकार की ताक़त नहीं जानते ! सरकार बाबा को जब चाहे जेल में डाल सकती है ! यानी अब इस देश में यदि सरकार का विरोध करना हो और वो भी अहिंसक तरीके से तो आधी रात को सरकार का तांडव देखने को तैयार रहना चाहिए ! आधी रात एक  लाख लोगो पर दमन चक्र चला कर ये सरकार इतनी उत्साहित हो गयी की अगले दिन ही अन्ना पर भी ये सरकार आक्रामक हो गयी और कपिल सिब्बल ने बयान दे डाला की अन्ना की टीम चाहे आये न आये वो अपना लोकपाल  बिल बना लेंगे ! ये शायद भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है की जिनको जनता की सेवा में होना चाहिए वो आज जनता की आवाज़ कुचल कर किसी तरह बस अपनी मनमर्जी करना चाहते हैं !
                           सरकार के सभी नेता ये बयान देते दिख रहे हैं की बाबा राजनीति न करें यानी की यदि सरकार के विरोध में यदि कोई अनशन करेगा कोई आवाज़ उठाएगा तो वो राजनीति कर रहा है ! कांग्रेस के नेताओं ने ये बयान भी दिए की अन्ना और बाबा का अनशन का तरीका गलत है यानी अब सरकार आपको बताएगी की आप उसका विरोध कैसे करें !अगर ये अहिंसक अनशन और विरोध गलत है तो सही क्या है ? क्या नक्सली रास्ते या फिर अलगाव वादी गुट ! सरकार को चाहिए की वो एक अध्यादेश लाकर विरोध के तरीके भी संविधान में लिखवा दे जिससे आगे से बाबा और अन्ना जैसे लोग कानून के हिसाब से ही विरोध करें ! सरकार का दूसरा आरोप है की इन सब आन्दोलन के पीछे संघ और भाजपा का हाथ है ! चलिए मान लिया की है तो यदि कोई पार्टी या संघ अगर कालेधन को वापिस लाने के लिए किसी आन्दोलन में शामिल है तो ये भी अपराध है क्या ?
                              अब सरकार को इतने सालों बाद याद आया की आचार्य बालकृष्ण नेपाली गुंडा है और फर्जी तरीके से भारत में रह रहा है ! बाबा की कम्पनियां गलत तरीके से पैसे का लेनदेन करती हैं इसकी जांच भी शुरू की गयी ! यानी सरकार अपने विरोध के बाद जागी की इससे पहले कोई सरकार पर ऊँगली उठाये सरकार उसी पर हाथ उठा दे ! यानी सरकार जो मर्जी करे आप चुप रहें नहीं तो अंजाम में रामलीला मैदान जैसे कई काण्ड हो सकते हैं ! लेकिन सरकार शायद भूल रही है की जनता को सिर्फ थोड़े समय के लिए दबाया या कुचला जा सकता  है लेकिन जब आम जनता का गुस्सा फूट जाता है तो बड़े से बड़े शासक को घुटनों के बल आना पड़ता है ! सरकार यदि जनता का सम्मान करेगी तो जनता उसका साथ देगी वर्ना विश्व में बहुत क्रान्ति हो चुकी हैं कहीं अगला नम्बर हमारे देश का ही न हो !

1 comment:

  1. bhaut badia bhai sahab aap jaisey logon ki party maen jarurat hai ....corruption yaha toh rakt rakt maen bhara huan hai nikalney jao toh khud ka pata nahi chalta..amyways meaningful article

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