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Sunday, August 1, 2010

अपनी ज्योतिष समस्याओं का समाधान खुद करें

हर मनुष्य को कुछ न कुछ समस्या घेरे रहती है। इस बार से हम हमारे पाठकों के लिए प्रत्येक समस्याओं का समाधान ज्योतिष के माध्यम से बताएँगे। आपको न गंडे की जरूरत है और न ही किसी के पास जाने की। आप स्वयं अपनी समस्याओं का समाधान खुद कर सकते हैं।

आज हम इस कॉलम से आर्थिक मामलों के बारे में जानेंगे। आज के इस युग में आर्थिक समस्या अधिक है। हर इनसान इस समस्या से जूझ रहा है। हर न्यूज पेपर में निरंतर एक खबर धन से संबंधित रहती है और कोई न कोई इस समस्या से आत्मघाती कदम उठा लेता है।

आय भाव एकादश भाव को कहते हैं व एकादश भाव में बैठे ग्रह को एकादशेश कहते हैं। जन्मकुंडली में एकादश भाव ग्यारहवें भाव को कहते हैं। धन भाव द्वितीय भाव को कहते हैं। आय हो लेकिन बचत न हो तब भी थोड़ी परेशानी रहती है। जितनी परेशानी आय न होने पर रहती है उतनी बचत न होने पर नहीं रहती।

जब आय भाव एकादश का स्वामी अष्टम भाव में हो तो आय के मामलों में बाधा का कारण बनता है। ऐसी स्थिती में एकादश भाव को बलवान किया जाए तो आय के क्षेत्र में बाधा दूर होती है। एकादश भाव के स्वामी की वस्तुओं को सवा पाव उस ग्रह से संबंधित रंग के कपडे़ में बाँधकर घर की छत पर रखना चाहिए, ऐसा करने से आय में सुधार आएगा।

एकादशेश व धनेश एक ही हो तब उससे संबंधित रत्न धारण करना चाहिए। या उससे संबंधित वस्तुओं को उसी रंग के कपडे़ में बाँधकर घर में रखना चाहिए। इसी प्रकार षष्ट भाव में हो तो उपरोक्त उपाय करना चाहिए।




षष्ट भाव का स्वामी अष्टम में हो तो कर्ज बढ़ता है व कर्ज जल्दी चूकता नहीं। ऐसी स्थिति किसी की पत्रिका में हो तो उन्हें कर्ज नहीं लेना चाहिए। लग्नेश षष्ट भाव में हो तो ऐसा जातक कर्ज लेता है। और यदि षष्टेश अष्टम में हो तो फिर कर्ज नहीं चूकता। और किसी कारण से कर्ज लेना पड़ जाए तो लग्न के स्वामी के रत्न को धारण करना चाहिए।

मेष लग्न में एकादशेश शनि, वृषभ लग्न में एकादशेश गुरु, मिथुन लग्न में मंगल, कर्क लग्न में शुक्र, सिंह लग्न में बुध, कन्या लग्न में चन्द्र, तुला लग्न में सूर्य, वृश्चिक लग्न में बुध, धनु लग्न में शुक्र, मकर लग्न में मंगल, कुंभ लग्न में गुरु, मीन लग्न में शनि होगा।

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