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Friday, August 6, 2010

राहु की महादशा हर वक्त नुकसानदायक नहीं


rahuराहु का नाम आते ही हम घबरा जाते हैं। राहु की महादशा लगने पर मानते हैं कि जैसे सब कुछ समाप्त हो गया। पंरतु हकीकत कुछ और है। राहु को सभी कू्र ग्रह समझते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। राहु और उसकी महादशा हर समय नुकसानदायक नहीं होती। राहु रंक को भी राजा बनाने की क्षमता रखता है। राहु की महादशा में विदेश जाने से बड़ा लाभ होता है। विदेश का मतलब है वर्तमान निवास से दूर जाकर कार्य करने से सफलता मिलती है। राहु चतुर्थ, दशम, एकादश या नवम स्थान में अपने मित्र शनि-शुक्र की राशि मकर, कुंभ, वृषभ या तुला राशि में स्थित हो तो अप्रत्याशित सफलता दिलाता है।
वही राहु यदि मिथुन राशि में हो तो कई ज्योतिष विद्वानों द्वारा उच्च का माना जाता है। राहु एक छाया ग्रह है। यह किसी भी राशि का स्वामी नही है। परंतु यह जिसके अनुकुल हो जाता है उसे आसमान की उचांईयो पर ले जाता है।
अटल बिहारी बाजपेयी, मनमोहन सिंह राहु की महादशा मे ही प्रधानमंत्री बने हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी राहु की महादशा में कप्तान बने तथा सफलता प्राप्त की ऐसे अनेक उदाहरण हैं। जिन्हें राहु ने राजा बनाया।  राजनितिज्ञों के लिए तो राहु का अनूकुल होना अत्यधिक फायदेमंद है।राहु को शांत कर के लिए शनिवार के दिन अपना इस्तेमाल किया हुआ कंबल किसी गरीब को दान करें। इसके अलावा काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। अमावस्या को पीपल पर रात में 12 बजे दीपक जलाएं। शनिवार को उड़द के बड़े बनाकर खाएं। शिवजी पर जल, धतुरा के बीज, चढ़ाएं और सोमवार का व्रत करें।

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