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Thursday, December 9, 2010

मेरी सोच

नमस्कार मित्रों आज ज्योतिष से कुछ हटकर बात करने का मन हुआ है ! पिछले कुछ समय से हमारी लोक सभा और राज्य सभा ठप पढ़ी हैं ! मुद्दा था टेलिकॉम घोटाला ! अब एक टेलिकॉम घोटाले को लेकर इतना हल्ला करने की क्या जरूरत है ! जब अभी दिल्ली के कोमन वेल्थ खेलो को हम पचा गए और कुछ नहीं किया तो क्या करना इस घोटाले को लेकर ! क्यों इतना हल्ला मचा है ! इन बेशर्म हो चुके नेताओं को क्या फर्क पड़ता है ? आपको क्या लगता है क्या ये विपक्ष आपको सजग करने के लिए इतना हल्ला मचा रहा है ? नहीं.....!  जरा भ्रष्टाचार  का विरोध करने वालों के चेहरे देखो ! भ्रष्टाचार करने वालो के चेहरों से कम बेशर्मी नहीं है इनकी शक्लों पर ! इन्हें गुस्सा इस बात का नहीं की भ्रष्टाचार हुआ है इन्हें गुस्सा इस बात का है की इन्हें ये सब करने का मौका नहीं मिला ! बनारस मैं बम फटा इन लोगो के चेहरे पर शिकन नहीं है ! इन्हें देश की तरक्की या सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं है ! इन्हें फ़िक्र है तो बस इस देश को कैसे लूटा जाए , यहाँ के लोगो को कैसे मुर्ख बनाया जाए ! ये हमें मुर्ख बना सकते हैं क्युकी हम है ही मुर्ख ! हमें बस चटपटी खबरों का चस्का है ! हमारी जेब पर कौन डाका डाल रहा है हमें इसकी कोई चिंता नहीं है !
     आज अगर हम अपने देश की बात करें तो शायद इससे बेहतर हम गुलाम ही भले थे ! कम से कम हम किसी नियम से से चलते थे ! हमें डर था की अगर अपराध किया तो दंड मिलेगा ! पर आज अपराधी बेख़ौफ़ हैं ! रोज लूट होती है रोज डाके पड़ जाते हैं , रोज हत्याकांड होते हैं लेकिन देश की रानी और उनके चापलूस मंत्री सोते हैं ! जो पाप सरकार के सर है उससे बड़ा पाप विपक्ष के सर पर है ! किसी भी मुद्दे पर भाँड़ो की तरह टीवी पर झूठा गुस्सा दिखाना विपक्ष की आदत मैं है ! इन नेताओं से भली जात तो उन गा बजा कर मांगने वालों की है जिनकी कोई पहचान तो है लेकिन इन मोटी चर्बी वाले भाँड़ो को क्या कहें ! उद्योगपतियों के दलाल बने बैठे है सत्ता के गलियारों में ! देश के करोडो लोगो को अनाज क्या भले ही पीने के लिए गन्दा भी पानी न मिले पर इन सत्ता के दलालों को संसद में मिनरल वाटर के बिना गुजारा करना नहीं आता ! एक बार एक ज्योतिष मित्र ने कहा की कलयुग में राहू की सत्ता होगी अब लगता है उनका इशारा कहाँ था और बिलकुल सही था !  
       और आज के सबसे बड़े नौटंकी करने वाले अगर हैं तो वो हैं हमारे खबरिया चेनल ! किस खबर को किसके पक्ष मैं दिखाना है ये कलाकारी कोई इनसे पूछे ! किसी एक खबर को आप अलग अलग चेनल पर देखिये ! सभी चेनल तुरंत फैसला सुनाने को आतुर हैं की कौन गलत है और कौन सही ! टीवी पर खबर चल रही है सुरक्षा बल के 70 जवानों को नक्सलियों ने मार दिया पर खबर से ज्यादा इन चेनलों को ब्रेक मे विज्ञापन दिखाने की मजबूरी है ! खबरों के नाम पर किस तरह के स्टिंग होते है उसका नज़ारा सब कई बार देख चुके हैं ! आखिर करें भी क्या जब सब देश को लूटने में लगे हैं तो तो इनका भी हक बनता है न की देश के इस धर्म जिसका नाम भ्रष्टाचार है उसका अनुसरण करें !
                              शायद मेरे इस लेख को पढ़ कर आप सोच रहे होंगे की इस ज्योतिष की बात करने वाले को क्या हुआ ? कहीं समीर चतुर्वेदी पागल तो नहीं हो गया जो ज्योतिष से हटकर बेकार की बातों मे अपनी रूचि दिखा रहा है ! और एक विषय नहीं सब बातों को एक धागे मे डालने की कोशिश कर रहा है पर क्या करूँ बहुत कोशिश करता हूँ शांत रहूँ पर जब दिल का ज्वालामुखी फटने को होता है तो दिल के हर छेद से लावा फूट फूटकर निकलता है ! जानता हूँ की कोई अकेला कुछ नहीं कर सकता पर किसी की कही ये पंक्तियाँ याद आ जाती हैं   """ कौन कहता है आसमान से सितारे नहीं टूटा करते ...एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों .!








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